HTTPS क्या है और कैसे काम करता है ? – HTTPS Kya Hai In Hindi

आज के युग में अधिकतम काम इंटरनेट की मदद से किया जाता है। जिसके लिए मुख्य तौर पर वेबसाइट का उपयोग किया जाता है। किसी भी वेबसाइट पर डाटा के आदान प्रदान को आसान बनाने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है http और Https. जिसमें से आज हम मुख्य तौर पर Https के बारे में आपको जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि HTTPS kya hai?, इसकी विशेषता क्या है?, HTTPS के फायदे और नुकसान क्या है? इन सब विषय में आपको जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

HTTPS क्या है? – What is https in Hindi

HTTPS की full form की बात करे तो इस Hypertext Transfer Protocol Secure के नाम से जाना जाता है। यह HTTP का एक advanced और सिक्योर रूप माना जाता है। HTTPS पोर्ट नंबर 443 का उपयोग करके डाटा ट्रांसफर करने में मदद करता है। यह क्लाइंट और सर्वर के बीच में एक सिक्योर कनेक्शन को डेवलप करता है।

HTTPS एन्क्रिप्शन प्रदान करने के लिए Transport Layer Security ( TLS) का उपयोग करता है। जिसे काफी लोग Secure Sockets Layers ( SSL) ने नाम से भी जानते है। HTTPS प्रोटोकॉल का मुख्य रूप से उपयोग वहां होता है जहां बैंक खाते के डिटेल्स दर्ज करने की जररूत होती है या फिर log in details दर्ज करने की जरूरत होती है। ऐसे प्लेटफार्म पर डाटा को सुरक्षित रखने के लिए HTTPS का उपयोग किया जाता है।

HTTPS कैसे काम करता है?

HTTPS के वर्किंग की बात करे तो यह HTTP की तरह ही होता है लेकिन इन दोनो इंटरनेट में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि HTTPS में क्लाइंट और सर्वर के बीच में डाटा का ट्रांसफर एन्क्रिप्टेड नहीं होता है। जिससे HTTP प्रोटोकॉल में डाटा के सुरक्षा पर खतरा रहता है।

वही HTTPS protocol में डाटा एन्क्रिप्टेड तौर पर स्थान्तरित होता है। जिसके कारण डाटा की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का कोई खतरा नही होता है। अगर कोई एन्क्रिप्टेड डाटा को चुरा भी लेता है तो वो उसे आसानी से read नहीं कर सकता है। जिससे आपके डाटा की सिक्योरिटी और प्राइवेसी बनी रहती है।

HTTPS के फायदे क्या है?

इस HTTPS के कई फायदे है जिसमें से हमने आपको कुछ के बारे में बताने का प्रयास किया है।

  • इस HTTPS इंटरनेट प्रोटोकॉल का मुख्य लाभ यह होता है कि आपको हाई सिक्योरिटी प्रदान की जाती है।
  • इस इन्टरनेट प्रोटोकॉल में डाटा और सूचना सुरक्षित रखी जाती है।
  • HTTPS में मौजूद SSL तकनीक डाटा को थर्ड पार्टी या हैकर्स से बचाती है यह तकनीक उन यूजर्स को सिक्योरिटी प्रदान करती है जो काफी अहम डिटेल्स को वेबसाइट पर शेयर करते है।
  • यह HTTPS protocol यूजर्स को ऑनलाइन बैंकिंग करने की सुविधा और लेनदेन करने में अपनी विशेष भूमिका निभाते है।

HTTPS के नुकसान क्या है?

इस HTTPS के फायदे के बारे में तो आपको जानकारी मिल गई होगी, अब हम आपको HTTPS के नुकसान के बारे में बताने का प्रयास करेंगे।

  • HTTPS का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आपको SSL certificate खरीदना पड़ता है।
  • इस तरह के वेबसाइट का डाउनटाइम काफी ज्यादा होता है जिसके चलते कम्युनिकेट करने में काफी समय लगता है।
  • यूजर्स जो इस तरह के HTTPS Internet protocol का इस्तेमाल कर रहा है उसे सभी तरह के internal links अपडेट करने की जरूरत होती है।
  • HTTPS कम्युनिकेशन ओवरहेड के साथ साथ नेटवर्क ओवरहेड को भी बढ़ाता है।
  • HTTPS इंटरनेट प्रोटोकॉल ब्राउजर पर क्रैश किए गए डाटा या पेजेस से हैकर्स को private Data चोरी करने से नहीं रोक सकता है।

HTTPS और HTTP मे क्या अंतर है?

HTTP HTTPS
HTTP का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol है। HTTPS का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol Secure है।
HTTP केवल TCP Protocol का इस्तेमाल करता है। HTTPS TCP Protocol के साथ साथ TLS/ SSL Connect का भी उपयोग करते है। जिसके कारण से ही आपका कनेक्शन सिक्योर बनता है।
इस प्रोटोकॉल में वेबसाइट के url के आगे http:// लिखा रहता है इस प्रोटोकॉल में Url के आगे https:// लिखा रहता है।
Http की सिक्योरिटी लेवल इतनी मजबूत नही होती है। इस प्रोटोकॉल में डाटा भी encrypt नही रहता है। जिसे हैकर्स चोरी कर सके। HTTPS की सिक्योरिटी लेवल काफी अधिक होती है। इसमें कई तरह के फाइल्स को encrypted रूप से ट्रांसफर किया जाता है। यह सबसे सिक्योर कनेक्शन माना जाता है और इस तरह के साइट को हैक करना काफी मुश्किल माना जाता है।
इसमें SSL certificate नहीं होता है HTTPS में SSL certificate को इंस्टॉल करना होता है। जो आपके कनेक्शन को सिक्योर बनाता है।
Http इतना सुरक्षित नही है जिसके चलते अधिक लोग इस बार भरोसा नही करते है। HTTPS को सबसे सुरक्षित कनेक्शन माना जाता है। जिसपर आप विश्वास कर सकते है।
HTTP में port 80 का उपयोग किया जाता है। HTTPS में पोर्ट 443 का उपयोग किया जाता है।
HTTP प्रोटोकॉल में डाटा को plain text में ट्रांसफर किया जाता है। HTTPS प्रोटोकॉल में डाटा को सिफर टेक्स्ट (एन्क्रिप्ट टेक्स्ट) के अंदर ट्रांसफर किया जाता है।
HTTP लेयर्स पर काम करता है। HTTPS transfer layers पर काम करता है।
HTTP स्पीड में HTTPs से तेज होता है। HTTPS स्पीड में HTTP से धीमा होता है।

HTTP या HTTPS में कौन सा बेहतर है?

जब हम दोनो को कंपेयर करते है तो यह पाते है कि HTTPS काफी बेहतर है क्योंकि HTTPS के कई ऐसे फायदे है जो इसे HTTP से अच्छा और सिक्योर बनाता है।

HTTPS, SEO करने के लिहाज से भी अच्छा माना जाता है। HTTPS प्रोटोकॉल को इस्तेमाल करने वाली वेबसाइट पर लोगो का भरोसा काफी बढ़ जाता है। इससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग में भी काफी सुधार आता है। अगर आप कोई प्राइवेट डाटा को ट्रांसफर कर रहे है तो उसमें HTTPS protocol ही अच्छा माना जाता है।

HTTP से HTTPS में कैसे स्विच करें?

अगर आप अब तक HTTP प्रोटोकॉल का उपयोग करते थे और अब आप HTTPS protocol का उपयोग करना चाहते है तो आप कई तरीको का उपयोग कर सकते है।

● HTTP से HTTPS में जाना आपके लिए काफी बड़ा कदम हो सकता है इसलिए आपको इसे तब करना चाहिए जब आपके वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक न हो।

● दूसरा तरीका है कि आप SSL certificate को खरीद ले। आप इसे अपने वेबसाइट के होस्टिंग प्लेटफार्म से आसानी से प्राप्त कर सकते है।

● अगर आप अपने वेबसाइट को HTTP से HTTPS पर माइग्रेट करना चाहते है तो यह मुख्य तौर पर आपकी वेबसाइट के साइज पर निर्भर करता है।

● अगर आप HTTP से HTTPS में माइग्रेट होना चाहते है तो आपके 301 रीडायरेक्ट सर्च इंजन को बताना होगा कि आपकी साइट बदल गई है। यदि आप वर्डप्रेस का उपयोग करते हैं, तो आप सर्वर से ट्रैफ़िक को अपने नए HTTPS प्रोटोकॉल पर 301 रीडायरेक्ट कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया है कि HTTPS kya Hai? इसके लाभ क्या है? और इससे संबंधित हर छोटी बड़ी जानकारी आपको प्रदान करने का प्रयास किया है। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करे। अगर आपके मन में इस HTTPS से संबंधित कोई सवाल आता है तो आप हमसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में संपर्क कर सकते है।

FAQ : HTTPS Kya Hai In Hindi

Q1. HTTPS की Full Form क्या है?

Ans : HTTPS की Full Form Hypertext Transfer Protocol Secure है।

Q2. HTTPS के कितने main goals होते है?

Ans : HTTPS के मुख्य रूप से तीन main goals होते है, Privacy, Integrity, Authentication.

Q3. HTTPS में किस पोर्ट का उपयोग करता है?

Ans : यह HTTPS डिफॉल्ट रूप से पोर्ट 443 का ही उपयोग करता है।

Q4. HTTPS क्या सुरक्षा करता है?

Ans : यह HTTPS मुख्य रूप से आपके वेबसाइट पर दर्ज प्राइवेट जानकारी को किसी भी तरह में लीक होने से बचाता है। किसी भी हैकर्स के HTTPS साइट को हैक करना काफी मुश्किल माना जाता है।

q5. HTTPS URL की शुरुआत किससे होती है?

Ans : इस तरह के HTTPS URL की शरुआत https:// से होती है। यह HTTP का एक सिक्योर वर्जन माना जाता है।

मेरा नाम शनि कुमार सैनी है मुझे इंटरनेट के जरिये लोगो के साथ जानकारी साझा करना अच्छा लगता है मैं इस ब्लॉग के जरिये लोगो के साथ टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन पैसे कमाने का तरीका शेयर करता हु

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